ग्रेटर नोएडा : जेवर एयरपोर्ट को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने निविदा जारी कर दी है। यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट से 9.5 किलोमीटर की दूरी पर यमुना एक्सप्रेस वे व ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे इंटरचेंज पर चार लूप व आठ रैंप बनाए जाएंगे। एक लूप की लंबाई करीब 600 मीटर के आसपास होगी। इस परियोजना पर करीब 84 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 18 माह का लक्ष्य रखा गया है। इन लूप व रैंप के उपयोग से कई शहरों के लोग भी आसानी से जेवर एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। मौजूदा समय में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से यमुना एक्सप्रेस वे की सीधे कनेक्टिविटी नहीं हैं। इससे लोगों को कई किलोमीटर का चक्कर काटने के बाद यमुना एक्सप्रेस वे पर पहुंचना पड़ता है।
देश के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट को रनवे पर उतारने की तैयारी हो रही है। इसके आसपास सड़क मार्ग का जाल बिछाकर आसपास के शहरों को एयरपोर्ट से जोड़ने की कवायद हो रही है। इस कड़ी में यमुना एक्सप्रेस वे के (ग्रेटर नोएडा) जीरो प्वाइंट से 9.5 किलोमीटर की दूरी पर ईस्टर्न पेरीफेरल को यमुना एक्सप्रेस वे कनेक्ट किया जाएगा। 9.5 किलोमीटर की दूरी पर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे यमुना एक्सप्रेस के ऊपर से गुजर रहा है। इस प्वाइंट पर चार लूप व आठ रैंप का निर्माण होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत हरियाणा आना-जाना आसान हो जाएगा। आगरा से पलवल, कुंडली, पानीपत जाने वाले वाहन चालक सीधे यमुना एक्सप्रेस वे के लूप से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर चढ़ जाएंगे। इसी तरह इन स्थानों से आने वाले वाहन चालक भी लूप का उपयोग कर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे से सीधे यमुना एक्सप्रेस वे के रास्ते जेवर एयरपोर्ट व मथुरा, आगरा की तरफ जा सकेंगे। बाक्स
यमुना के सेक्टर भी होंगे गुलजार
यमुना व ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के इंटरचेंज पर लूप व रैंप बनने के बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर भी इससे जुड़ जाएंगे। रैंप के रास्ते यमुना प्राधिकरण के सेक्टर व गांवों में रहने वाले लोग ईस्टर्न पेरीफेरल के रास्ते विभिन्न शहरों तक आ-जा सकेंगे।